Motivation
भारत के एक ऐसे वकील जो कोर्ट में अपना केस संस्कृत भाषा में लड़ते हैं। यहीं नहीं सबूत के कागजात भी संस्कृत भाषा में ही लिख कर पेश करते हैं । कौन हैं ये वकील बाबू? च लिए जानते हैं वाराणसी में रहने वाले आचार्य श्याम उपाध्याय जी बचपन में 1 दिन उनके पिताजी के साथ कहीं जा रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक आदमी से हुई। वो आदमी शाम जी के पिताजी के साथ भोजपुरी में बात कर रहा था। कुछ देर बाद जब वो दोनों बाप बेटे जाने लगे तो शाम जी के पिता उनसे कहने लगे कि कितना अच्छा होता अगर हम संस्कृत में भी वैसे ही बात कर पाते जैसे भोजपुरी में कर रहे हैं। इस बात ने श्यामजी पर गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने ये ठान लिया कि वो अब सारी बातें संस्कृत में ही करेंगे। धीरे धीरे उन्होंने संस्कृत भाषा सीखना शुरू कर दिया। कॉलेज के बाद जब वो वकील बने तो उन्होंने वकालत का काम भी संस्कृत में ही करने का फैसला लिया और आज वो पिछले 44 सालों से संस्कृत भाषा में ही वकालत कर रहे हैं। उनके इस संस्कृत प्रेम को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें संस्कृत मित्र पुरस्कार से सम्मानित भी किया है